रविवार, 26 सितंबर 2010

दलाल स्ट्रीट में बरकरार रहेगी तेजी

सेंसेक्स को 32 महीने बाद एक बार फिर 20 हजारी बनाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले विदेशी संस्थागत निवेशकों का भारतीय शेयर बाजारों को समर्थन आगे भी बने रहने की संभावना है जिसे देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि यह सप्ताह में भी तेजी की चाल बनी रहेगी।

हालांकि, विशेषज्ञों ने इस बात से इनकार नहीं किया है कि बीच में उतार-चढ़ाव आ सकता है, क्योंकि डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान से ऐसी संभावना बनी रहती है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यूरोपीय अर्थव्यवस्थाओं में मंदी का संकट अभी टला नहीं है, चीन की अर्थव्यवस्था में तेजी की दर कुछ धीमी पड़ सकती है। ऐसे में भारत और एशिया प्रशांत क्षेत्र ही विदेशी कोषों के लिए निवेश के बेहतर स्थल हो सकते हैं।

ब्रोकरेज हाऊस आईसीआईसीआई डायरेक्ट के अनुसार, भारतीय बाजारों में तेजी का रुख कुछ समय और जारी रह सकता है। जनवरी, 2008 के बाद पिछले 32 महीनों में गत सप्ताह पहली बार बंबई शेयर बाजार [बीएसई] का सेंसेक्स 20,000 अंकों के पार निकला जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज [एनएसई] 6,000 अंक के स्तर से ऊपर निकला। इसके पीछे विदेशी संस्थागत निवेशकों की लिवाली समर्थन मुख्य वजह रही है।

सप्ताह दर सप्ताह के आधार पर बीएसई सेंसेक्स में गत सप्ताह 450 अंक की धमाकेदार तेजी दर्ज की गई। एक सप्ताह पहले की तुलना में यह 2.3 प्रतिशत बढकर 20,045.18 अंक पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 133 अंक अथवा 2.3 प्रतिशत चढ़कर 6,018.3 अंक पर पहुंच गया। बाजार की यह लगातार चौथे सप्ताह की तेजी रही।

बंबई शेयर बाजार में समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सरकारी प्रतिभूतियों में विदेशी निवेश सीमा पांच अरब डालर से 10 अरब डालर और निगमित बांड की सीमा 15 अरब डालर से 20 अरब डालर किए जाने के कारण बाजार में कारोबारी उत्साह बढ़ गया और परिणामस्वरूप लंबे अंतराल के बाद बंबई सूचकांक 20,000 अंक और एनएसई इंडेक्स 6,000 के अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर को लांघ गया जहां विदेशी संस्थागत निवेशक भारत में जोरदार आर्थिक विकास के प्रति आश्वस्त नजर आए।

विदेशी संस्थागत निवेशक एक तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था के रूप में भारत में जोरदार लिवाली के मूड में नजर आ रहे हैं जिन्होंने 24 सितंबर तक देश में कुल 18,649.23 करोड़ रुपये का निवेश किया है। विदेशी संस्थागत निवेशकों की अगुवाई में लिवाली बढ़ने और प्रमुख कंपनियों द्वारा दूसरी तिमाही के लिए अग्रिम कर के भुगतान का बढ़ना बाजार की सकारात्मक मजबूत धारणा का परिचायक है।

देश में एक जून से 22 सितंबर तक संचई बरसात सामान्य से लगभग चार प्रतिशत अधिक रहा जिसने बाजार के उत्साह में चार चांद लगा दिया। क्षेत्रीय इंडेक्सों में बीएसई-एफएमसीजी इंडेक्स 189.07 अंक, बीएसई-टिकाऊ उपभोक्तामाल इंडेक्स 164.59 अंक, बीएसई-आटो इंडेक्स 231.91 अंक और बीएसई-टेक-इंडेक्स 81.15 अंक की तेजी दर्शाता बंद हुआ। सेंसेक्स आधारित शेयरों में 25 शेयर जहां तेजी दर्शाते बंद हुए, वहीं बाकी हानि के साथ बंद हुए। सूचकांक आधारित शेयरों में प्रमुख एफएमसीजी कंपनी एचयूएल के शेयर में सर्वाधित 11.56 प्रतिशत की तेजी आई।

बाजार पूंजीकरण के हिसाब से भारत की विशालतम निजी क्षेत्र की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में 2.44 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि इस्पात निर्माता जिन्दल स्टील एंड पावर में 2.28 प्रतिशत की गिरावट आई।

बीएसई और एनएसई में कारोबार का आकार क्रमश: 26,187.56 करोड़ रुपये और 81,657.87 करोड़ रुपये का रहा जो पिछले सप्ताहांत क्रमश: 25,968.75 करोड़ रुपये और 83,479.11 करोड़ रुपये था।

कलकत्ता शेयर बाजार में समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सूचकांक में तेजी का रुख कायम रहा और यह सप्ताहांत में लाभ दर्शाता बंद हुआ। कलकत्ता शेयर बाजार का 40 शेयरों पर आधारित सूचकांक सप्ताहांत में 163.66 अंकों की तेजी के साथ सप्ताहांत में 8,145.32 अंक पर बंद हुआ। आरंभ में सूचकांक 7,981.66 अंक पर खुला।

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